एक ऐसी कहानी जिसके एक एक शब्द आपको सोचने पर मजबूर कर देगा। यह कहानी है एक बेघर परिवारिक कुत्तों की।

मत कुचलो हमें! मेरा भी परिवार है। मत मारो पत्थर हम भी ईश्वर का भेजा हुआ एक प्राणी हू,जीव हू।



आइए जानते है एक ऐसी कहानी जो आपके और आपके रूह को भी रुला देगा। जो हम–आप की गलतियों की वजह से होता है। जीव जंतु इनका भी परिवार होता है अगर आप सोचे तो,जैसे आपको अपने परिवार के लिए मोह,माया है वैसे ही उनको भी होता है,अपने परिवार से लगाओ,प्रेम होता है।


दोहा :–
चलत चलत रफ्तार से इंसान होत बेकाबू..!
जीव जंतु सब मरे, रोए परिवार सब देख..!!


समय का चक्र ऐसा चल रहा है कि रफ्तार से चलता वाहन,किसी को भी कुचल कर निकल जाता है। इस समय का परिक्रमा अगर उल्टा हो गया तो इंसान भी भी कुत्ते की तरह रोड पर पड़े रहेंगे और सभी गाडियां आते जाती रहेंगे किसी को कोई मतलब नहीं रहेगा।


आइए चलते है कहानी की ओर..!  यह कहानी एक आवारा कुत्ते जो ऐसे ही रोड पर घूमते रहते है उनके ही फैमिली पर आधारित है। हमारे Blogs को पढ़ने वाले साथियों से निवेदन है कि आप इसको बारीकी से पढ़े और अपने जीवन में इसको अमल करे की गाड़ी कैसे चलानी है और किसी को अपने कारण दुःख नहीं देना है क्युकी यह धरती किसी एक की नही है।

अब देर ना करते हुए बढ़ते है कहानी की ओर।



रामपुर नाम का करीब 1हजारों घरों वाला एक बड़ा सा गांव था। उस गांव में ना अस्पताल,न बिजली,ना सड़क ठीक से बना था,ना ही स्कूल थे,लेकिन फिर भी गांव वाले बहुत खुशहाली से रहा करते थे। उसी गांव में एक छोटा सा परिवार था जो की बहुत गरीब था लेकिन उसकी दरिया दिली का चर्चे पूरे गांव में था। उसी परिवार में एक कुत्ते का परिवार भी रहता था जो उसी के यहां भोजन करता था पूरा परिवार।
जो मिला था उस कुत्ते को परिवार को वो खा कर संतुष्ट हो जाते थे और हमेशा वही रहते थे। एक दिन उस परिवार में 5 कुत्ते और जन्म लिया मतलब की उनका परिवार और बड़ा हो गया। आप सब जानते ही है कि कुतिया 4,5 जन्म देती है बच्चो को,तो उसका फैमिली बड़ा हो गया।


बहुत दिन बीतने के बाद सभी बच्चे बड़े हो गए,सभी अपने अपने भोजन की खोज में इधर उधर भटकने लगे क्युकी इनको इस गरीब फैमिली के भोजन से पेट नही भरता था इसलिए यह लोग इधर उधर भटकते हुए भोजन खाते थे। एक दिन उसी गांव को सरकार के द्वारा विकास करने का फंड पास हो गया मतलब की उस गांव में बिजली पानी सड़क सब प्रकार से सुविधा से परिपूर्ण किया जाएगा। यह सुनकर गांव वाले बहुत खुस हुए ऊपर से उसी गांव के बगल से ही बाईपास भी निकलने लगा था,तो गांव के लोग और भी ज्यादा खुश थे।



समय बीतता गया विकास होने लगा रोड बनने
लगे बिजली आ गई लेकिन उन कुत्ते के परिवार को कोई खुशी नहीं था,क्युकी उनको वो पहले वाला ही गांव पसंद था। रोड बन गया गाडियां 🚚🚐🛻🚒 अपनी रफ्तार 🚌🚑में चलने लगी। लेकिन एक दिन ऐसा हुआ जो की हम इंसानों के लिए तो एक मामूली बात होगा लेकिन उन कुत्तों के परिवारों के लिए दुःख की घड़ी था।


मतलब हुआ यह की एक दिन कुत्तों के फैमिली में से एक बच्चा रोड क्रॉस कर रहा था,तब ही एक स्पीड रफ्तार की गाड़ी ने उस प्यारे कुत्ते को कुचलता हुआ कुछ दूर तक फेंक दिया,मतलब उस गाड़ी से रगड़ाते हुए कुछ दूर तक चला गया। उस कुत्ते के बच्चे का तो वही मौत हो गया कुछ नहीं बच्चा एक एक अंग शरीर से अलग हो गया और बिखर गया रोड पर,लेकिन उसके मरने के बाद भी एक भी गाडियां नही रुकी,गाड़ी और रफ्तार से आती जा रही है और कुचलते जा रहे है।
(साथियों लिखते समय तो हाथ कांपने लगते है ऐसी घटनाओं के बारे में अगर आप सोचो तो)  वही उसका परिवार बार बार कोशिश कर रहे है उसके पास जाने की लेकिन गाड़ी की रफ्तार उनको भी उन तक पहुंचने नही दे रही थी। 

किसी तरह से दो कुत्ते वहा पहुंचे सुंघे तो वो मरा हुआ था,वो रोने लगे और अपने साथियों परिवारों को बुलाने लगे। आप लोगो ने देखा होगा इस तरह की घटनाएं लेकिन कभी बारीकियों से इनके परिवार के बारे में नही सोचें होंगे आप। 
लेकिन मैंने देखा है समझा है उनकी जीवन सैलियो के बारे में, उन सभी कुत्तों के आंखो में आंसू बहने लगे सभी किसी तरह से उस बची खुची शरीर को रोड से बाहर करने में लगते है लेकिन बहुत प्रयासो के बाद भी नही  हुआ। वही रोड के साइड बैठ कर कुछ देर सभी रोए फिर वहा से चले गए। 


लेकिन चलती रफ्तार से गाडियां उस बची हुई शरीर को भी खत्म कर देती है और कुछ पक्षियां खा जाती है। ऐसे ही इन आवारा कुत्तों का अंत हो जाता है। इतना ही नही उसका पूरा परिवार कुल 2 दिन तक भोजन नहीं किया,उनके आंसु सुख सा गया था। वो उदास हो कर बैठे रहते है,ताकि कोई इनकी तकलीफों को कम कर देगा पर ऐसा नहीं होता है।


आप लोग देखते ही होंगे की कितने कुत्ते रोड पर मरते है उनको कोई उठाने वाला भी नही होता है,लेकिन आप लोगो ने कभी नही सोचा की उनका भी कोई परिवार होता होगा,उनका भी कोई रोने वाला होता होगा ,उनका भी कोई है इस दुनिया में जैसा आपका है। अगर आप सब हम सब संभल कर गाडियां चलाए तो यह घटनाए कम हो सकती है उनका परिवार बच सकता है क्यू  अपनी रफ्तार के चक्कर में उन बेजुबानों को कुचल दे रहे हो क्यू ? अगर यही आपके परिवार के साथ होता है तो रोड जाम कर देते हो,ट्रक को जला दोगे और भी बहुत कुछ करने लगते हो आप सब।


इसलिए आप सभी से निवेदन है उन बेजुबानों को आप सजा मत दो अपनी रफ्तारो को कम कर लीजिए अगर आपके रफ्तार कम करने से किसी का परिवार सुख रह सकता है तो आप कम कीजिए। वो बेजुबान है कुछ कहते नही है लेकिन उनका भी जीवन है परिवार है,जब आप उनको खाना नही दे सकते हो तो उनको सजा देने का भी आपको हक नही है। ऊपर वाला भी देख कर कितना दुखी होता होगा की इंसान आखिर कर क्या रहा है ..? ऐसा नहीं है की आपको अपने गलत कार्य का फल नही मिलेगा,मिलेगा जरूर मिलता है। 


आप खुद सोचिए आखिर वो कहा जायेंगे उनका भी तो घर आपके घर के बाहर ही होता है साथियों। तो फिर वो भी हमारे फैमिली मेंबर ही हुए न जैसे आप लोग अपने बगल के लोगो को एक परिवार की तरह ट्रीट करते है वैसे ही उनको भी कीजिए बहुत खुशी मिलेगा। एक रोटी रोज उनके लिए भी निकालिए और बाहर देखिएगा तो जरूर एक न एक आवारा कुत्ता मिल जाता है जो भोजन की तलाश में घर के बाहर पीछे घूमते रहते है सूंघते रहते है। ईश्वर जरूर आपको भी फल देगा और जिसको भोजन मिलेगा वो भी आपको अंदर ही अंदर शुक्रिया बोलेगा। आपको एक अलग सा खुशी मिलेगा,एक एनर्जी मिलेगा, लगेगा आपकी की आप एक अच्छा काम कर रहे हो।


साथियों यह कहानी इसी फैमिली का था जिसका जुबान तो नही है पर  पीड़ा है,दुख है,खुशी है, आत्मा है ,परिवार है,इसलिए निवेदन है आप सभी साथियों से की आप सावधानी पूर्वक गाड़ी चलाए और खुद भी खुश रहे और दूसरों जीवो को भी खुश रहने दे।


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