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मिडिल क्लास लड़के (चैप्टर २)

हम वही मिडिल क्लास वाले लड़के है जो उम्मीद तो बहुत करते है लेकिन मिलता कुछ नही। आइए पढ़ते है एक ऐसी कहानी जो मिडिल क्लास लड़को के उम्मीदों को आज भी ताजा रखती है। उड़ती चिड़िया देख के हवा में हाथ हिलाने लगते थे, सोचते थे क्या पता उड़ ही जाएँ! यक़ीन था कभी कोई मकड़ी ज़रूर कलाई पे इस क़दर काटेगी कि सुबह स्पाइडर मैन बनके उठेंगे! कई बार ट्राई किया कि शक्तिमान जैसे सारी इंद्रियाँ जागृत हो जाएँ पर गुरु फ़ेल हो गए।रेडियो में से चुम्बक निकाल के खेलने वाले लड़के टाइममशीन बनाना चाहते थे।  वो लड़के जो बनना चाहते थे बाज़ीगर, पर अपनी हरकतों से बाज़ ना आए। वो जो जब बैटिंग़ करने गलियों में उतरते तो बल्ले पे MRF के स्टिकर वाला बल्ला लेके ही उतरे। वो लड़के जो वाकमैन पे गाने सुनते तो इस धुन से ही बता देते कि “मेरा दिल भी कितना पागल है ये प्यार तो तुमसे करता है!” बजने वाला है। उनको पता होता था कि साइड A के किस गाने के पीछे साइड B का कौन सा गाना है। पर इस बात में हमेशा संशय करते कि आवाज़ कुमार सानू की है या उदित नारायण की। वो जो VCR में “हम आपके हैं कौन” देखते और प्यार करने के नए नए तरीक़े इजाद करते। व...

चौथी पास राजा

           चौथी पास राजा की कहानी जिसको सुनकर आप उस राजा पर सोचने पर मजबूर हो जायेंगें। आइए बताते है कि वो राजा कौन था कहा का था पूरा कहानी को समझते है पढ़ते है।ध्यान रहे यह कहनी कोई खुद पर नही लेगा क्युकी यह कहनी एक राजा की है जो बहुत बड़ा तानाशाही था। चलिए बढते है उस कहानी की ओर। एक समय की बात है एक बहुत बड़ा महान देश के छोटे से गांव में एक गरीब परिवार में एक बच्चे का जन्म हुआ जिसका नाम ABC था। वह छोटा सा गांव एक रेलवे स्टेशन के नजदीक में बसा हुआ था। जब वो लड़का जन्म लिया तो,उसकी कुंडली देखने के लिए उसके माता पिता ने गांव के साधु को अपने घर बुलाया। सभी लोग बहुत खुश थे क्युकी लड़का हुआ था और गांव में और उस जमाने में लड़का होने पर खुशियां मनाई जाती थी चाहे वो गरीब परिवार में ही क्यों न हो।  गांव के साधु ने उस बालक का कुंडली बनाने लगे और देखने लगे तब उन्होंने उसकी मां बाप से कहा की यह लड़का एक दिन बहुत बड़ा राजा बनेगा मतलब बहुत बड़ा आदमी बनेगा। उसके मां बाप यह सुनकर आश्चर्यचकित हुए क्युकी वो एक गरीब थे और इस बालक का कुंडली इतनी बड़ी थी तो वो साधु को देख...

मिडिल क्लास फैमिली (चैप्टर १)

              हम मिडिल क्लास आदमी है। हम वही मिडिल क्लास फैमिली है,जब हम गोवा नहीं जा पाते तो चुप मार के अपने गाँव चले जाते हैं! एक उमर तक ना हम ढेर आस्तिक हैं ना कम नास्तिक। कुछ कुछ मौक़ापरस्त! पीड़ा में होते हैं तो भगवान को याद करते हैं। जब सब कुछ तबाह हो जाए तो भगवान को दोष देते हैं और जब मनोकामना पूरी हो जाए तो भगवान को किनारे कर देते हैं। हम नेताओं को गरियाते हैं और एक्टरों को पूजते है। हम अपने नेता चुनते हैं पर उनसे सवाल नहीं करते। उनको ना कोस के खुद को कोसते हैं।अमिताभ और सचिन हमारे भगवान होते है। हमको अटल बिहारी बाजपेयी के अलावा कोई और नेता लीडर लगता ही नहीं हम वो हैं जो कभी कभी फटे दूध की चाय बना लेते हैं। एक ईयर फ़ोन में दोस्त के साथ रेडियो पे नग़मे सुन लेते हैं। गरमी हो या बारिश हमें विंडो सीट ही चाहिए होती है। १५ ₹/किलो आलू जब हम मोलभाव करके १३ में और धनिया फ़्री मे लेके घर लौटते हैं तो सीना थोड़ा चौड़ा कर लेते हैं।  हम कभी कभी फ़ेरी वाला समान अनायास ही ख़रीद लेते हैं। हम पैसे उड़ाते तो हैं पर हिसाब दिमाग़ में रखते हुए चलते हैं। हम दिय...